PM ने बताई इंफ्रास्ट्रक्चर की अहमियत, बोले - 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने की दिशा में भारत
By: Pinki Sat, 15 Aug 2020 10:35:57
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। बतौर प्रधानमंत्री सातवीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के पीछे लाखों बेटे-बेटियों का त्याग और बलिदान है। आजादी का पर्व नए संकल्पों के लिए ऊर्जा का अवसर है। उन्होंने कई अहम मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने अपने 86 मिनट के भाषण में आत्मनिर्भर, आत्मनिर्भर भारत, कोरोना संकट, आतंकवाद, रिफॉर्म, मध्यमवर्ग और कश्मीर का विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत पर ज्यादा जोर दिया। इस शब्द का 30 बार इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि कोरोना इतनी बड़ी विपत्ति नहीं कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को रोक पाए। पीएम मोदी ने महिला शक्ति और नई साइबर सुरक्षा नीति का भी जिक्र किया। भाषण में पीएम मोदी ने नेशनल इंफ्रास्ट्रक्टर पाइपलाइन प्रोजेक्ट के बारे में बताया।
100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने की दिशा में भारत
पीएम मोदी ने कहा, 'नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट पर देश 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स की पहचान भी की जा चुकी है। ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा। भारत को आधुनिकता की तरफ, तेज गति से ले जाने के लिए, देश के ओवरऑल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट को एक नई दिशा देने की जरूरत है। ये जरूरत पूरी होगी नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट से।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें मेक-इन-इंडिया के साथ-साथ मेक-फॉर-वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। इस शक्ति को, इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों को देख रही है। बीते साल, भारत में एफडीआई ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत में एफडीआई में 18% की बढ़ोतरी हुई है। ये विश्वास ऐसे ही नहीं आता है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'तमाम प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी देश ने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया। देश को कोरोना के प्रभाव से बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता है।हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है-सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्।। किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है। देश के सामान्य नागरिक की मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है। बीते 6 वर्षों में देश में मेहनत करने वाले लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। बिना किसी भेद-भाव के, पूरी पारदर्शिता के साथ सभी लोगों को कई योजनाओं के द्वारा मदद पहुंचाई गई है।'
कोरोना इतनी बड़ी विपत्ति नहीं कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को रोक सके
मोदी ने कहा, 'आत्मनिर्भर भारत आज हर भारतवासी के मन-मस्तिष्क में छाया हुआ है। इस सपने को संकल्प में बदलते देख रहे हैं। ये आज 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है। जब मैं आत्मनिर्भर की बात करता हूं, तो कई लोगों ने सुना होगा कि अब 21 साल के हो गए हो, अब पैरों पर खड़े हो जाओ। 20-21 साल में परिवार अपने बच्चों से पैरों पर खड़े होने की अपेक्षा करता है। आज आजादी के इतने साल बाद भारत के लिए भी आत्मनिर्भर बनना जरूरी है। जो परिवार के लिए जरूरी है, वो देश के लिए भी जरूरी है। भारत इस सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे इस देश के सामर्थ्य, प्रतिभा पर गर्व है।'
मोदी ने कहा, 'कोरोना के संकट में हमने देखा कि दुनिया में कठिनाई हो रही है। दुनिया चीजें नहीं दे पा रहीं। इस देश में N-95 मास्क नहीं बनता था, PPE Kit नहीं बनती थीं, वेंटिलेटर नहीं बनते थे, अब बनने लगे। आत्मनिर्भर भारत दुनिया की कैसे मदद कर सकता है, यह आज हम देख सकते हैं। ...बहुत हो चुका। आजाद भारत की मानसिकता क्या होनी चाहिए। वोकल फॉर लोकल। स्थानीय उत्पादों का गौरव गान करना चाहिए। ऐसा नहीं करेंगे तो उसकी हिम्मत नहीं बढ़ेगी। हम मिलकर संकल्प लें कि 75 साल की तरफ जब हम बढ़ रहे हैं तो वोकल फॉर लोकल का मंत्र अपनाएं।'
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